Term Insurance Plan Terms and Conditions in Hindi | टर्म इंश्योरेंस के नियम और शर्तें क्या हैं?
जब भी आप एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने जाते हैं तो आपको टर्म इंश्योरेंस खरीदते समय बीमा कंपनी द्वारा टर्म इंश्योरेंस प्लान से संबंधित नियम और शर्तों के बारे में भी सूचित किया जाता है। इन नियम और शर्तों को पॉलिसीधारक को पालन करना आवश्यक होता है।
टर्म इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तें टर्म प्लान से संबंधित सभी प्रकार के विवरणों का उल्लेख होता है। साथ ही उन चीजों का भी उल्लेख होता है जो कुछ विशेष स्थितियों में टर्म प्लान के तहत कवर नहीं किए जाएंगे।
टर्म इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तों में आपको फ्री-लुक अवधि, अनुग्रह अवधि, प्रीमियम मोड/आवृत्ति, बहिष्करण और समावेश के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई होती हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए ताकि आप इसके सभी नियम और शर्तों से अवगत रहे।
एक टर्म प्लान आपके न रहने पर भी आपके परिवार की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करता है। एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लेना आपके लिए काफी लाभदायक हो सकता है। एक टर्म पॉलिसी लेते समय आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तें को ध्यानपूर्वक पढ़ना जरूरी है।
अब हम नीचे आपको टर्म प्लान के के नियम और शर्तें के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहे हैं। इसको पूरा पढ़ने के बाद आप टर्म प्लान के नियम और शर्तों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर पाएंगे।
1. पॉलिसी अवधि (Policy Term):
यह वह समय होता है जिसके लिए बीमा सुरक्षा दी जाती है।
- यदि बीमाधारक इस अवधि के दौरान जीवित रहते हैं, तो कोई राशि नहीं दी जाती (unless return of premium option is selected)।
- यदि इस अवधि में मृत्यु होती है, तभी लाभ मिलता है।
2. मृत्यु का कारण (Cause of Death Clause):
बीमा कंपनियाँ कुछ विशेष स्थितियों में दावा अस्वीकार कर सकती हैं। जैसे:
- सुसाइड क्लॉज: पॉलिसी शुरू होने के एक साल के अंदर यदि आत्महत्या होती है, तो दावा अमान्य हो सकता है या केवल प्रीमियम वापस मिलता है।
- अवैध गतिविधियों में मृत्यु: जैसे ड्रग्स, अपराध, युद्ध आदि में मृत्यु होने पर दावा खारिज हो सकता है।
- झूठी जानकारी देने पर: यदि बीमाधारक ने मेडिकल, आदतों या आय के बारे में झूठ बोला है, तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
3. प्रीमियम भुगतान की शर्तें (Premium Payment Terms):
- यदि आप समय पर प्रीमियम नहीं भरते हैं और ग्रेस पीरियड (आमतौर पर 15–30 दिन) के बाद भी भुगतान नहीं होता, तो पॉलिसी लैप्स हो सकती है।
- कुछ पॉलिसियाँ सीमित समय के लिए प्रीमियम भुगतान की सुविधा देती हैं (जैसे 10 साल तक प्रीमियम दें, लेकिन सुरक्षा 40 साल तक मिले)।
4. मेडिकल जांच और स्वास्थ्य घोषणाएं (Medical Tests and Declarations):
- उच्च बीमा राशि के लिए मेडिकल जांच जरूरी हो सकती है।
- यदि आप धूम्रपान, शराब सेवन या किसी पुरानी बीमारी को छिपाते हैं, और मृत्यु बाद में उसी कारण होती है, तो बीमा कंपनी क्लेम अस्वीकार कर सकती है।
5. नॉमिनी से संबंधित नियम (Nominee Rules):
- बीमाधारक को पॉलिसी खरीदते समय नॉमिनी का नाम स्पष्ट रूप से देना होता है।
- यदि नॉमिनी न हो, या मृत्यु हो चुकी हो, तो दावा वॉ legal heirs को मिलता है, जिसमें समय लगता है।
6. फ्री लुक पीरियड (Free Look Period):
बीमा कंपनी द्वारा आपको एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी प्रदान करते समय 15 से 30 दिनों की एक फ्री लुक अवधि प्रदान की जाती है। अगर आप अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से संतुष्ट नहीं है तो आप इस फ्री लूक अवधि के भीतर अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं।
अगर आप एक फ्री लूक अवधि के तहत अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से बाहर निकलने का विकल्प चुनते हैं तो बीमा कंपनी द्वारा आपके सभी भुगतान किए गए प्रीमियम को वापस कर दिया जाता है।
यह ध्यान देने यग्य बात है कि आपके प्रीमियम में से बीमा कंपनी द्वारा चिकित्सा परीक्षण खर्च और अनुपातिक जोखिम प्रीमियम की कटौती के बाद आपके सभी प्रीमियम वापस कर दिए जाते हैं।
7. अनुग्रह अवधि (Grace Period):
एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को जारी रखने के लिए आपको टर्म इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। अगर आप अपने प्रीमियम का भुगतान समय पर नहीं करते हैं तो आपका टर्म इंश्योरेंस प्लान समाप्त हो जाता है।
आपको अपने टर्म इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम के भुगतान के लिए मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक एकमुश्त प्रीमियम भुगतान का विकल्प मिलता है। अगर आप अपने प्रीमियम का भुगतान नियत तारीख तक नहीं करते है तो बीमा कंपनी द्वारा आपको 30 दिनों की अनुग्रह अवधि (Grace Period) प्रदान की जाती है।
इस ग्रेस पीरियड के दौरान अगर आप अपने टर्म इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम का भुगतान कर देते हैं तो आप अपने टर्म इंश्योरेंस प्लान को आगे के लिए जारी रख सकते हैं और अगर आप इस 30 दिनों के भीतर प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो आपका टर्म इंश्योरेंस प्लान समाप्त हो जाता है।
8. राइडर्स की शर्तें (Riders Terms):
- टर्म इंश्योरेंस प्लान में कई ऐड-ऑन सुविधाएँ (राइडर्स) होते हैं जैसे –
- Critical Illness Rider
- Accidental Death Benefit
- Disability Benefit
- हर राइडर की अलग शर्तें होती हैं और केवल कुछ स्थितियों में ही लाभ मिलता है।
9. सम एश्योर्ड में बदलाव (Change in Sum Assured):
- कुछ पॉलिसियों में समय के साथ सम एश्योर्ड बढ़ाने की सुविधा होती है, खासकर यदि आप जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पड़ावों (जैसे विवाह, बच्चा) पर पहुँचते हैं।
- यह सुविधा पहले से तय होती है और उसके लिए अलग से आवेदन करना होता है।
10. दावा प्रक्रिया (Claim Process Rules):
- मृत्यु के बाद, नॉमिनी को बीमा कंपनी को तुरंत सूचना देनी होती है।
- जरूरी दस्तावेज़ जमा करने होते हैं – जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान प्रमाण, पॉलिसी डॉक्यूमेंट आदि।
- बीमा कंपनी सभी तथ्यों की जांच करती है और तभी क्लेम अप्रूव होता है।
11. विवाद और समाधान (Dispute Resolution):
- यदि बीमाधारक और बीमा कंपनी के बीच कोई विवाद होता है, तो IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) के पास शिकायत की जा सकती है।
- बीमा लोकपाल (Insurance Ombudsman) के माध्यम से निःशुल्क समाधान भी उपलब्ध है।
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