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सोमवार, 31 मार्च 2025

Liability Insurance Meaning in Hindi | Liability Insurance Kya Hota Hai?

Liability Insurance Meaning in Hindi | देयता बीमा | Liability Insurance Kya Hota Hai?

वर्तमान समय में बीमा दैनिक जीवन की एक आवश्यकता हो गई है। इसे हम इस बात से समझ सकते हैं कि हम आज एक आर्थिक रूप से अनिश्चित दुनिया में रहते हैं जहां कभी भी किसी प्रकार का वित्तीय संकट आपको बिना बताए आपकी जिंदगी में आ सकता है। 


एक बीमा पॉलिसी व्यक्ति को एक सुरक्षा कवच प्रदान करता है जिससे वह भविष्य में होने वाले किसी प्रकार के वित्तीय नुकसान से अपने आप को सुरक्षित कर सकता है। आज बीमा बाजार में भिन्न प्रकार की बीमा योजनाएं उपलब्ध है। यह व्यक्ति की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न प्रकार की होती है। आमतौर पर सामान्य जीवन बीमा पॉलिसियों में जीवन बीमा पॉलिसी, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आदि। 


बीमा बाजार में कुछ अन्य प्रकार के बीमा पॉलिसियों भी उपलब्ध हैं जो सामान्य बीमा पॉलिसी की तुलना में अलग विशिष्टता रखती हैं। इस प्रकार की बीमा पॉलिसी उन लोगों के लिए लाभदायक होती है जो केवल कुछ विशेष मुद्दों के लिए बीमा कवर चाहते हैं। इन्हीं में से एक को हम लायबिलिटी इंश्योरेंस के नाम से जानते हैं। आज हम इस लेख में लायबिलिटी इंश्योरेंस (Liability Insurance) के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

 

Table of Contents

  • देयता बीमा क्या है?
  • देयता बीमा की आवश्यकता क्यों है?
  • देयता बीमा योजना के प्रकार 
  • लायबिलिटी इंश्योरेंस में क्या कवर किया जाता है?
  • क्या कवर नहीं किया जाता?

 

देयता बीमा क्या है? (Liability Insurance Kya Hota Hai?)

एक दायित्व बीमा पॉलिसी व्यवसायों और व्यक्तियों को किसी तीसरे पक्ष देयता के प्रति वित्तीय जोखिम से सुरक्षा प्रदान करती है। मान लीजिए किसी कारणवश व्यवसायों या व्यक्तियों पर किसी लापरवाही, कदाचार या चोट के कारण कानूनी रूप से मुकदमा चलाया जाता है तो इससे उत्पन्न होने वाली देयता के प्रति एक दायित्व बीमा सुरक्षा कवच प्रदान करती है। यह बीमा पॉलिसी बीमाधारक को किसी भी प्रकार की कानूनी भुगतान और कानूनी लागत से सुरक्षा प्रदान करती है जिसके लिए एक पॉलिसी धारक को कानूनी रूप से जिम्मेदार माना जाता है। 


यदि तीसरे पक्ष द्वारा किसी प्रकार का दावा किया जाता है तो बीमा कंपनी को पॉलिसीधारक का बचाव करना पड़ता है और किसी भी प्रकार की कानूनी लागत को बीमा कंपनी द्वारा वाहन करना होता है। हालांकि संविदात्मक देनदारियों और जानबूझकर किसी प्रकार के किए गए नुकसान को इस पॉलिसी के द्वारा कवर नहीं किया जाता है। 

 


 

देयता बीमा की आवश्यकता क्यों है? (Why is Liability Insurance Required in Hindi?)

एक दायित्व बीमा पॉलिसी विशेष रूप से कंपनियों या व्यक्तियों के लिए काफी लाभदायक होती है जिन्हें कानूनी रूप से किसी मुद्दे के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। इस प्रकार की बीमा पॉलिसी अस्पतालों और डॉक्टरों, व्यापार मालिकों आदि के लिए काफी आवश्यक होता है। 


उदाहरण के लिए अगर हम देखें की यदि कोई उत्पाद निर्माता किसी प्रकार के उत्पादों को बेचता है जिसमें किसी प्रकार की कमी निकलती है या वह किसी दूसरे कंपनी के उत्पादों को नुकसान पहुँचता है तो उन पर इस प्रकार के हुए नुकसान के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है। एक देयता बीमा प्राप्त करके निर्माता इस प्रकार की आने वाली कानूनी लागतो को आसानी से कवर कर सकता है और इसके लिए उसे किसी प्रकार की वित्तीय लागत को वाहन नहीं करना पड़ता है। इसकी पूरी जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है। 


कई देशों में सार्वजनिक परिवहन के वाहन चालकों के लिए देयता बीमा अनिवार्य रूप से जरूरी होता है। भारत में एक दायित्व बीमा को सार्वजनिक देयता बीमा अधिनियम 1991 द्वारा परिभाषित किया गया है। 

 

 


देयता बीमा योजना के प्रकार (Types of Liability Insurance Plan in Hindi)

आज बीमा बाजार में व्यवसायों और व्यक्तियों को उनके कार्य और आवश्यकता के आधार पर कई प्रकार की देयता बीमा पॉलिसी उपलब्ध है। अब हम इन उपलब्ध देयता  बीमा योजनाओं के बारे में जानेंगे। 

 

1. सार्वजनिक देयता बीमा (Public Liability Insurance):

इस प्रकार की बीमा पॉलिसियों को अधिकांश देशों में अनिवार्य बना दिया गया है। ऐसे उद्योग जिनके उत्पादों या सेवाओं का असर किसी तीसरे पक्ष पर पड़ता है वह कंपनियां इस बीमा को आवश्यक रूप से खरीदते हैं ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी प्रकार की कानूनी लागत से खुद को सुरक्षित किया जा सके। 


कभी-कभी छोटे उद्योग प्रीमियम अधिक होने के कारण देयता बीमा पॉलिसियों को नहीं खरीदते है, लेकिन अगर भविष्य में किसी कारण से उद्योग को कानूनी लागत का वाहन करना पड़ता है तो यह प्रीमियम से अधिक पड़ता है। अतः एक विवेकपूर्ण निर्णय यही होगा कि एक देयता बीमा को उद्योग द्वारा अवश्य खरीदा जाए। 


2. उत्पाद दायित्व (Product Liability):

इस प्रकार की बीमा पॉलिसी ऐसे कंपनियों द्वारा खरीदा जाता है जिनके उत्पाद का उपयोग काफी बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा किया जाता है। जैसे- रसायन, तंबाकू, चिकित्सा उत्पाद, भोजन, मनोरंजक उत्पाद आदि। अगर इन उत्पादों के कारण किसी प्रकार की देयता उत्पन्न होती है तो बीमा कंपनी के द्वारा देयता को वहन किया जाता है। 

 

3. नियोक्ता दायित्व (Employer Liability):

यह एक नियोक्ता द्वारा वहन किए जाने वाले देनदारियों के प्रति नियोक्ता को सुरक्षा कवच प्रदान करता है। मान लीजिए अगर किसी कर्मचारी को कार्य के दौरान किसी प्रकार की चोट लग जाती है तो हो सकता है कि कंपनी को कर्मचारी द्वारा कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़े। इस बीमा पॉलिसी के माध्यम से इस प्रकार की देनदारियों से नियोक्ता खुद को सुरक्षित कर सकता है। 


4. तृतीय-पक्ष देयता (Third-Party Liability):

इस प्रकार की बीमा पॉलिसी किसे तृतीय पक्ष को हुए नुकसान को कवर करती है। इसमें प्रथम पक्ष बीमित व्यक्ति को और द्वितीय पक्ष बीमा कंपनी को और तृतीय पक्ष जिसे नुकसान होता है उसे माना चाहता है। इस प्रकार के बीमा पॉलिसी के माध्यम से आप किसी भी प्रकार की देयता से खुद को वित्तीय रूप से सुरक्षित कर सकते हैं। 


5. डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स (D&O) लायबिलिटी इंश्योरेंस:

  • किसी कंपनी के निदेशकों और अधिकारियों (Directors & Officers) पर यदि कानूनी कार्रवाई होती है, तो यह बीमा उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
  • निवेशकों, कर्मचारियों या सरकारी एजेंसियों द्वारा लाए गए दावों को कवर करता है।


6.  साइबर लायबिलिटी इंश्योरेंस (Cyber Liability Insurance):

  • कंपनियों को डेटा ब्रीच, साइबर हमले और डिजिटल फ्रॉड के कारण होने वाले कानूनी दायित्वों से बचाने में मदद करता है।
  • ई-कॉमर्स, बैंकिंग, और ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर के लिए आवश्यक।



लायबिलिटी इंश्योरेंस में क्या कवर किया जाता है?

✅ कानूनी शुल्क (Legal Fees) – केस लड़ने के लिए वकीलों की फीस।

✅ मुआवजा (Compensation) – पीड़ित को दी जाने वाली धनराशि।

✅ मेडिकल खर्च (Medical Expenses) – किसी तीसरे पक्ष की चोट या इलाज की लागत।

✅ संपत्ति की क्षति (Property Damage) – यदि किसी अन्य की संपत्ति को नुकसान हुआ हो।

✅ व्यावसायिक चूक या लापरवाही (Professional Negligence) – सेवाओं में कोई गलती या चूक।



क्या कवर नहीं किया जाता?

❌ जानबूझकर किया गया गैरकानूनी कार्य।

❌ फ्रॉड, धोखाधड़ी या अपराध से संबंधित दावे।

❌ स्वयं की संपत्ति या व्यवसाय को हुआ नुकसान।

❌ युद्ध, आतंकवाद, या परमाणु हमले से हुए नुकसान।

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